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देहरादून – उत्तराखंड में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरो सफारी प्रकरण पर हो रही जांच के बीच एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने भी अपनी कार्रवाई शुरू की, तो जांच के दायरे में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत उनके परिवार के सदस्य और कई करीबी भी आ गए. इस दौरान कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी राणा के घर पर भी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की टीम ने छापा मारा था. फिलहाल उनसे पूछताछ भी की जा रही है.

इस पूरे प्रकरण के कई दिनों बाद भी कांग्रेस की तरफ से कभी लक्ष्मी राणा को पार्टी के नेताओं द्वारा कोई समर्थन नहीं दिया गया. इसी बात से नाराज होकर अब लक्ष्मी राणा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. लक्ष्मी राणा को हरक सिंह रावत का करीबी माना जाता है.लक्ष्मी राणा साल 1998 में कांग्रेस से जुड़ी हुई हैं. इस दौरान वह ब्लॉक प्रमुख से लेकर रुद्रप्रयाग की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. फिलहाल उनके द्वारा खुद को कांग्रेस का प्रदेश महामंत्री बताया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा उन्हें इस मुसीबत की घड़ी में कोई भी समर्थन नहीं दिया गया. जबकि राजनीतिक द्वेष के कारण उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के साथ रहने का कोई भी कारण नहीं रह गया है. इसीलिए वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता इस्तीफा दे रही है. एक तरफ कांग्रेस से मनीष खंडूड़ी ने गुड बाय कहा, तो दूसरी तरफ अब पार्टी की नेता लक्ष्मी राणा के भी इस्तीफा देने से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है.