देहरादून – उत्तराखंड विधानसभा में इन दिनों उत्तराखंड बजट सत्र 2024 की कार्यवाही चल रही है. सत्र के तीसरे दिन सदन में पहले प्रश्नकल चला. उसके बाद सदन के पटल पर वित्तीय लिखे रखे गए. इस दौरान सदन के पटल पर रखे गए 14 संशोधन विधेयक भी पारित कर दिए गए जो कि अब राज्यपाल को भेजे जाएंगे और राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप ले लेंगे.
सदन में पेश किए गए यह 14 संशोधित विधेयक -:।
•उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक.
•उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्र (संशोधन) विधेयक.
•उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक.
•उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक एवं उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 (संशोधन) विधेयक.
•उत्तराखंड विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक.
•उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम (संशोधन) विधेयक.
•उत्तराखंड शहीद आश्रित अनुदान (संशोधन) विधेयक.
•उत्तराखंड माल और सेवाकर (संशोधन) विधेयक.
•उत्तराखंड संयुक्त (प्रांतीय रक्षक दल अधिनियम) 1984 संशोधन विधेयक.
•उत्तराखंड सड़क संरचना सुरक्षा (संशोधन) विधेयक.
•उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम 1974 (संशोधन) विधेयक.
•वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक.
•उत्तराखंड निवेश और आधारित (संरचना विकास और विनियमन) विधेयक 2023.
आम्रपाली विश्वविद्यालय विधेयक 2021 एवं उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2023। विधानसभा में उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक एवं उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 (संशोधन) विधेयक सदन में पास होने के बाद पंचायत चुनाव में चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए एक राहत की खबर है. दरअसल इस संशोधित विधेयक के आने के बाद पंचायत चुनाव लड़ने वाले उन लोगों को राहत मिलेगी जो दूसरा बच्चा जुड़वा होने पर चुनाव लड़ने के लिए बाध्य नहीं थे. विधेयक में संशोधन करने के बाद दूसरा बच्चा जुड़वा होने के बाद भी पंचायत चुनाव लड़ा जा सकेगा. यहां पर दो बच्चों की बाध्यता आड़े नहीं आएगी. विधानसभा में पास हुए संशोधित विधायक के अनुसार दूसरा बच्चा जुड़वा पैदा होने पर उन्हें एक इकाई माना जाएगा. यह विधेयक मंगलवार को सदन के पटल पर रखा गया. जबकि बुधवार को इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. बता दें कि आने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिहाज से यह बेहद महत्वपूर्ण बदलाव है. पहले यह मामला कैबिनेट में लाया गया था. जिसके बाद इसे विधानसभा सत्र के दौरान विधेयक के रूप में लाया गया. इसके पारित होने के बाद पंचायती राज अधिनियम के प्रावधान, जिसमें व्यक्ति का दूसरा बच्चा जुड़वा है, वह भी चुनाव लड़ सकेगा. विधेयक में अभी तक दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलती है.