रिपोर्टर – शम्भू प्रसाद
ऊखीमठ – भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी द्वारा विकास खंड ऊखीमठ में पर्यटन से जुड़े गांव सारी, उषाड़ा, दिलणा, ब्यूंखी, दैड़ा मस्तूरा, पाव, हुड्डू, मक्कू आदि गांव के 27 महिला व पुरूषों को 10 दिवसीय यात्रा एवं पर्यटक गाइड का प्रशिक्षण दिया गया।
संस्थान के निदेशक किशन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए अवगत कराया कि उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग आरसेटी पहली आरसेटी है जिसने यात्रा पर्यटक गाइड का प्रशिक्षण किया है। उन्होंने बताया कि लगभग 15 किमी पुराने ट्रैक से होते हुए प्रशिक्षणार्थी को उषाड़ा गांव से चाकुलधार, खामीधार, विनायकधार, झण्डीधार समुद्रतल से लगभग 10000 फीट की ऊँचाई से देवरियाताल होते हुए सारी गांव तक पैदल ट्रैक करवाया गया जिससे कि सभी के प्रशिक्षणार्थियों ने कई सारी जानकारी जुटाई। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम बीते 26 मार्च से 04 अप्रैल, 2024 तक के लिए किया गया था।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर एवरेस्ट विजेता तथा 10 वर्ल्ड रिकार्ड बनाने वाले पर्वतारोही मनीष कसनियाल द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को पर्यटन गाइड से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ पर्यटक गाइड की अहम भूमिका तथा पर्यटक के साथ गाइड किस प्रकार से अपना व्यवहार रखें इसके साथ ही हमारे क्षेत्र में बने मन्दिरों, पौराणिक धरोहरों, साहसिक पर्यटन, साहसिक खेल तथा ट्रैक के दौरान महत्वपूर्ण जरूरतों की जानकारी, माउन्टेन मैनर, माउन्टेन हैजार्ड के साथ ही प्राथमिक चिकित्सा, सीपीआर आदि की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
वहीं आरसेटी के प्रशिक्षक एवं कार्यक्रम संयोजक वीरेन्द्र बर्त्वाल द्वारा भी प्रशिक्षणाार्थियों को समय प्रबंधन, मार्केट सर्वे, जोखिम प्रबंधन सहित, उद्यमिता विकास स्वरोजगार चयन तथा पर्यटन के साथ जुड़ी स्वरोजगार की गतिविधियों पर जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि हिमोत्थान सोसायटी द्वारा क्षेत्र कई होम स्टेट तैयार किये जा रहे हैं तथा कई लोकल ट्रेल तैयार किये जा रहे हैं, जिससे अधिकांश लोग इससे जुडेंगे तथा आरसेटी इन लोगों को यात्रा से जुड़ी विभिन्न स्वरोजगारपरक गतिविधियों में प्रशिक्षण देगी।
भारतीय स्टेट बैंक सहायक महाप्रबंधक बाबुराम धीरेन एसबीआई स्थानीय प्रधान कार्यालय दिल्ली द्वारा बताया गया कि एसबीआई आरसेटी द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैै। वहीं उन्होंने कहा देवभूमि के इन सुंदर गांवों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं जिसे प्रशिक्षण के जरिए युवक-युवतियों को पर्यटन के गुर सीख कर आगे आने की जरूरत है। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए किए। प्रशिक्षण के प्रति महिलाओं में काफी उत्साह के साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिली। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस पर प्रशिक्षण के मूल्यांकन हेतु राष्ट्रीय आरसेटी श्रेष्ठता केंद्र द्वारा भेजी गई टीमe द्वारा प्रशिक्षण मूल्यांकन किया गया जिसमें लिखित तथा मौखिक परीक्षा का भी आयोजन किया जिसमें सभी प्रशिक्षु पास हुए।