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देहरादून – पौड़ी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल पर बीजेपी ने निशाना साधा है. इस बार बीजेपी ने गणेश गोदियाल की डिग्रियों को लेकर और हेमवती नंदन बहुगुणा से खुद की तुलना करने पर सवाल खड़े किए हैं.बीजेपी प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने कहा कि गणेश गोदियाल अपनी तुलना 1982 के चुनाव से कर रहे हैं. जिसमें एक तरफ हेमवती नंदन बहुगुणा थे और दूसरी तरफ कांग्रेस की ताकतवर नेता इंदिरा गांधी थी. कहा कि वो बताए कि इंदिरा गांधी और गांधी परिवार के खिलाफ बात कर रहे हैं और जिस बहुगुणा ने कांग्रेस को धूल चटाने का काम किया था, उसी का समर्थन कर रहे हैं.उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर सियासी घमासान तेज है. वहीं पौड़ी लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल मजबूत कैंडिडेट मानें जा रहे हैं. साथ ही इस सीट पर बीजेपी डाल डाल, कांग्रेस प्रत्याशी पात पात चल रहे हैं. रिस्पना पुल स्थित भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सेंटर बीजेपी प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने पौड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल की शिक्षा और उनकी डिग्रियों पर तमाम सवाल खड़े किए हैं.भाजपा के नेता रविंद्र जुगरान ने गणेश गोदियाल के हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उन्होंने दसवीं 1982 में मुंबई से की थी. उसके तकरीबन 20 साल बाद उन्होंने तब 12वीं करने की याद आई. जब वह उत्तराखंड में साल 2002 में कांग्रेस के टिकट से विधायक बन गए और उसके बाद उन्होंने 2003 में पौड़ी के दूरस्थ इंटर कॉलेज से 12वीं पास की. यही नहीं इसके बाद उन्होंने 2007 में ऐसे कॉलेज से ग्रेजुएशन किया जो कॉलेज खुद उनके द्वारा संचालित किया जा रहा था, जहां वो सर्वे सर्वा थे. भाजपा का आरोप है कि गणेश गोदियाल के इस शैक्षिक सफर को देखते हुए उन्हें संदेह होता है. साथ ही उन्होंने गणेश गोदियाल के बौद्धिक स्तर पर भी सवाल उठाए.बीजेपी प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने कहा कि इस वक्त गणेश गोदियाल अपनी तुलना 1982 के चुनाव से कर रहे हैं. जिसमें एक तरफ हेमवती नंदन बहुगुणा थे और दूसरी तरफ कांग्रेस की ताकतवर नेता इंदिरा गांधी थी. गणेश गोदियाल बताने का कष्ट करें कि क्या वह इंदिरा गांधी और गांधी परिवार के खिलाफ बात कर रहे हैं और जिस हेमवती नंदन बहुगुणा ने कांग्रेस को धूल चटाने का काम किया था, उसी का समर्थन कर रहे हैं. इसके अलावा भाजपा ने यह भी कहा कि गणेश गोदियाल अपनी तुलना हेमवती नंदन बहुगुणा से किस तरह से कर सकते हैं. क्योंकि वह उत्तराखंड की राजनीति और उत्तराखंड के इतिहास में अब तक के बेहद प्रतिष्ठित लोगों में से एक हैं, उनकी ख्याति राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर थी. गणेश गोदियाल का खुद से उनकी तुलना करना बेहद निंदनीय है.