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रिपोर्टर – नरेंद्र रावत

चमोली – पत्रकार प्रेस परिषद संगठन जनपद चमोली के सरक्षक एवम् पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कर्णप्रयाग सुबास चंद्र गैरोला ने अतिथि शिक्षको की नियुक्ति को लेकर अवगत कराया कि 9 वर्षो से राज्य की माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ बने अतिथि शिक्षको का भविष्य इतने वर्षो में भी सरकार सुरक्षित नहीं कर पाई है।इसी के चलते 2 अगस्त से राज्य के 4 हजार अतिथि शिक्षक राजधानी देहरादून में शिक्षा निदेशालय में आंदोलनरत है। अतिथि शिक्षको को बार बार सरकार से झूठा आश्वासन मिल रहा है,जिससे अतिथि शिक्षक व उनके चार हजार परिवार असुरक्षित भविष्य की मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं।

25000 के मानदेय में शिक्षण कार्य कर रहे अतिथि शिक्षको के समक्ष सबसे बड़ी समस्या नई नियुक्ति के साथ ही बार बार उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की है जिससे मिस सेसन में विद्यार्थियों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और अतिथि शिक्षक भी हमेशा अस्थिरता की स्थिति में रहते हैं।लेकिन सरकार के नीतिकार इस स्थिति को नहीं समझ पा रहे हैं।अतिथि शिक्षको का मानसिक उत्पीड़न होने के साथ साथ शिक्षा व्यवस्था के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।एक ही सत्र में अलग अलग शिक्षको द्वारा पढ़ाए जाने से विद्यार्थियों का अध्ययन बाधित होगा यह भी शिक्षा नीतिकारो को समझना होगा।

एक अतिथि शिक्षक कम से कम पांच साल एक स्थान पर रहकर अपना अच्छा योगदान दे सकता है। अतिथी शिक्षको को उनके पद के अनुसार सरकार कम से कम 50 हजार मानदेय रखे, स्वास्थ्य, बीमा,गोल्डन कार्ड, से आच्छादित किया जाए और उनका भी अन्य कर्मचारियों की भांति पेंशन अंशदान काटा जाए ।एक पूरी प्रक्रिया के तहत योग्यता रखने वाले अव्यर्थियो का चयन मानकों के अनुसार किया जाए।