रिपोर्टर – शम्भू प्रसाद
रूद्रप्रयाग – एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला संगठन की एक आपातकालीन बैठक कीर्तिनगर में की गई। बैठक में गुरिल्ला संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं टिहरी जिला अध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला ने कहा कि नौकरी, पेंशन और आश्रित लाभ दिए जाने को लेकर गुरिल्ला 18 वर्षों से लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं ला रही है। कहा कि सरकार 15 दिसंबर तक गुरिल्लों की मांगों पर अमल कर सकारात्मक कार्रवाई नहीं करता है तो वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि मणिपुर की सरकार ने वहां के गुरिल्लों को नौकरी, पेंशन 2004 में ही दे दी है, लेकिन उत्तराखंड सरकार अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट ने कहा कि यदि 15 दिसंबर तक गुरिल्लों की तीन सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई नहीं करती है तो वह सीएम आवास के सामने आत्मदाह करने को बाध्य होंगे। वहीं इस दौरान बसंती रावत जिलाध्यक्ष गोरिल्ला संगठन ने सभी रुद्रप्रयाग जनपद के गोरिल्लाओं को सूचित करते हुए कहा कि गोरिल्ला संगठन का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है 11 जनवरी को कोर्ट का आदेश आएगा और जब मामला कोर्ट में चल रहा है तो ऐसे में किसी भी प्रकार का जुलूस प्रदर्शन करना ठीक नहीं है इसलिए सभी रुद्रप्रयाग जनपद के गोरिल्ला संगठन के प्रशिक्षितों से निवेदन है कि जब तक कोर्ट का आदेश नहीं आता है तब तक किसी भी प्रकार का प्रदर्शन नहीं करेंगे बसंती रावत ने प्रदेश पदाधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पदाधिकारी नहीं चाहते है कि गोरिल्ला संगठन की समस्या हल हो इसलिए वह जगह-जगह जुलूस कर दर्शन करवा रहे है और महिलाओं को इसका भारी नुकसान हो रहा है इसलिए सभी महिलाओं से निवेदन है की प्रदेश पदाधिकारियों के बहकावे में ना आए और प्रदर्शन में शामिल न हो।