रिपोर्ट -शम्भू प्रसाद
*सारी गांव में पार्किंग की समस्या के निदान को होंगे प्रयास*
*शिविर में 12 समस्याएं लेकर पहुंचे ग्रामीण, 09 का मौके पर हुआ निस्तारण*
सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत जरूरतमंदों की समस्याओं का निदान करने के लिए शासन- प्रशासन लगातार प्रयासरत है। जनपद में भारी बारिश के बीच मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. जीएस खाती की अध्यक्षता में जनपद के दूरस्त गांव सारी बहु उद्देशीय शिविर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विभिन्न विभागों से संबंधित कुल 12 शिकायतें दर्ज की गई। जिसमें पार्किंग, पेयजल, शिक्षा, सड़क आदि समस्या दर्ज की गई, जिसमें 09 शिकायतों का मौके पर ही निराकरण किया गया जबकि शेष शिकायतों का निस्तारण करने के लिए संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया।
बहु उद्देशीय शिविर में ग्राम प्रधान सारी मनोरमा देवी ने शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि
विश्व प्रसिद्ध देवरिया ताल में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है, लेकिन सारी गांव में अब तक उचित पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो सकी है। इससे यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उन्होंने ग्राम सभा में पेयजल आपूर्ति की समस्या को भी प्रमुखता से उठाया। बताया कि जल संस्थान द्वारा गांव के लिए बिछाई गई प्लास्टिक की पाइप लाइन वन अग्नि के कारण नष्ट एवं बाधित हो गई है। वही जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही लाइन के लिए मुख्य स्रोत का निर्माण कार्य भी अब तक शुरू नहीं हो सका है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग द्वारा पर्यटकों से लिए जा रहे शुल्क से पर्यटकों को देवरिया ताल ट्रेक पर शौचालय सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की। ग्रामीणों ने गांव में कूड़ा निस्तारण के लिए सिस्टम तैयार कर प्रतिदिन कूड़ा उठवाने की मांग भी की। सारी निवासी सांता देवी ने किसान सम्मान निधि न मिलने की शिकायत दर्ज करवाई। वहीं राजकीय जूनियर हाई स्कूल में शौचालय एवं सारी ताला मार्ग की मरम्मत करने की मांग भी स्थानीय निवासियों ने की।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि चोपता घाटी एवं सारी- देवरिया ताल क्षेत्र जनपद में पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थान हैं। यहां के सतत विकास के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ ही पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने सारी गांव में पार्किंग के लिए स्थान चिह्नित करने एवं मनरेगा और ग्राम्य विकास के माध्यम से पार्किंग का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश खंड विकास अधिकारी को दिए। वहीं पेयजल स्रोत निर्माण के लिए वन विभाग एवं जल संस्थान को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। पेंशन, सड़क एवं शिक्षा विभागों को भी संबंधित शिकायतों का निस्तारण बिना देरी के करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा शिविर से अनुपस्थित पंचायत एवं वन विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए। जबकि अनुपस्थित पर एएमए जिला पंचायत के वेतन रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं का जल्द से जल्द निदान करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी शिकायत के निदान में प्रकार से कोई ढिलाई या देरी न बरती जाए। इससे पहले उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, महिला समूहों, कृषि सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक विमल कुमार, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र कुमार बिष्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा, तहसीलदार ऊखीमठ प्रदीप नेगी, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम नवल कुमार, परियोजना अधिकारी उरेड़ा राहुल पंत अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी एवं विभिन्न क्षेत्रों से आए ग्रामीण मौजूद रहे।