नन्दासैण
रिपोर्टर: नरेंद्र रावत
पहाड़ो में जलस्त्रोत सूखने का मुख्य कारण है चीड़ के जंगल।।
जनपद चमोली का नन्दासैण वन आन्दोलन हर वर्ष पर्यावरण संरक्षण को लेकर आम जनमानस को सचेत करता आया है जिसके चलते आज नंदासैण क्षेत्र कि महिला मंगल दलों एवम् स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पर्यावरणविदो , आटा गाड़ रेंज के वनकर्मियों के द्वारा नंदासैण मालई की बंजर भूमि पर पौध रोपण , रैली , विचार गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।इस आंदोलन के प्रेणता समाजसेवी व पर्यावरणविद भुवन नौटियाल ने इस मौके पर अवगत कराया कि देवल, मालई, बेनोली, नौटी गांव के जो जंगल हैं वे नन्दासैण वन क्षेत्र के नाम से जाना जाता है सन् 1988 से ही क्षेत्र के लोगों ने चीड़ के जंगल हटाने का विरोध किया था तब से इस आंदोलन को गति मिली थी जिसका असर ये हुआ कि आज वन विभाग की नर्सरी में चीड़ की पौध तैयार नहीं की जाती है। वन क्षेत्राधिकारी आटागाड़ रेंज रविन्द्र कुमार निराला जी ने कहा कि उनकी रेंज के द्वारा पूरे वन क्षेत्र में हरेला के तहत 5000 से अधिक पौध रोपण किए जा चुके हैं इस मौके पर उन्होंने महिला मंगल दलों,जन
प्रतिनिधियों, पर्यावरणविदो का आभार व्यक्त करते हुए लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही वन्य जीवों से नुकसान होने पर मुआवजा की योजनाओं की भी जानकारी दी ।
समाजसेवी मोहन सिंह भंडारी ने बताया कि उनके गांव में पितृ वन की मुहिम सराहनीय पहल है। द्वारिका प्रसाद (वनवासी ) ने कहा कि चीड़ के जंगल होने के कारण आज पहाड़ के जल स्त्रोत सुख रहे हैं सरकार को जल्द इन जंगलों को हटा देना चाहिए। पर्यावरण विद मनोज सती ने इस अवसर पर कहा कि पितृ देव आन्दोलन इस चमोली की देन है यह पूरे देश में फैलना चाहिए। महिला मंगल दल मालई रेखा देवी ने महिलाओ से अपील की जो भी पौधा उनके द्वारा लगाया गया है उसकी 3 साल तक पूरी देखभाल जरुर करे। महिला मंगल दल ग्राम कफलोड़ी चंपा देवी ने भी वन विभाग के कर्मचारियों से क्षेत्र में बढ़ रही बंदरो की संख्या को लेकर उन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग से अपील की है।
समाजसेवी सरिता देवी ने भी चीड़ के जंगलों को हटाने की बात कही। मालई के समाज सेवी विनोद रावत ने भी महिलाओ को वनों के सरक्षण में आगे आने को कहा है। ग्राम प्रधान भूपेंद्र कुंवर ने भी इस मौके पर वनों की सुरक्षा को लेकर क्षेत्रवासियों से इनके सरक्षण करने की भी मांग की । लोकगायक जितेंद्र ने भी वन बचाओ के गीतों से सबका मन मोहा । अंत में आंदोलन की अध्यक्ष अनीता भंडारी ने सभी क्षेत्रवासियों से इस आंदोलन को तेज गति देने में सभी के सहयोग की अपेक्षा की है।