रिपोर्टर – शम्भू प्रसाद
रूद्रप्रयाग – लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच केदारनाथ यात्रा की तैयारियां भी जोरों से चल रही हैं. केदारनाथ धाम में पैदल मार्ग से 80 के करीब मजदूर बर्फ हटाने का कार्य कर रहे हैं. आये दिन मौसम खराब होने के बाद धााम में अभी भी बर्फबारी भी जारी है. जिससे पैदल मार्ग से बर्फ हटाने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं. इसके बाद भी मजदूर दिन रात काम में जुटे हुए हैं.इस बार अक्षया तृतीय के पावन पर्व पर दस मई को भगवान केदारनाथ के कपाट खोले जाने हैं. कपाट खुलने में अब कम ही समय बचा हुआ है. प्रशासन के सामने लोकसभा चुनाव के साथ ही केदारनाथ यात्रा तैयारियों को पूरा करना चुनौती है. जिसके लिए प्रशासन जुटा हुआ है. एक ओर मतदान कराने के लिए कार्मिकों प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मजदूरों की टीम भी केदारनाथ धाम में बर्फ हटाने में जुटी हुई है. धाम से बर्फ हटाने का कार्य लगातार जारी है. मशीनों के जरिये भी बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है.धाम से बर्फ हटने के बाद और मौसम सही होने के बाद द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू होने हैं. विगत वर्ष अत्यधिक बर्फबारी होने के कारण दिसम्बर माह में पुनर्निर्माण कार्य बंद हो गये थे. अब फिर से अधूरे छूटे कार्य इसी वर्ष पूर्ण किये जाएंगे. दूसरी ओर यात्रा में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों का लगातार जिले में जगह-जगह कैंप लगाकर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. जिला पंचायत और पशुपालन विभाग मिलकर शिविर लगा रहे हैं. केदारनाथ यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले घोड़े खच्चरों के लाइसेंस बनाने के लिए अब तक कुल 3250 घोड़े खच्चरों का पंजीकरण कर लाइसेंस बनाए जा चुके हैं.10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे. इस बार यात्रा मार्ग पर पांच हजार घोड़ा खच्चरों के संचालन की अनुमति दी गई है. केदारनाथ पैदल मार्ग पर सवारी एवं आवश्यक सामग्री के लिए प्रयोग किए जाने वाले घोड़ा-खच्चरों के पंजीकरण के बाद लाइसेंस जारी किए गए जा रहे हैं.जनपद के विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाकर लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया जारी है. अब तक कुल 3250 घोड़े खच्चरों के लाइसेंस बनाए जा चुके हैं. साथ ही जी मैक्स कंपनी की ओर से उन्हें ऑनलाइन भी किया जा रहा है. जिला पंचायत कर निरीक्षक ज्ञानेन्द्र बगवाडी एवं दिनेश नौटियाल ने बताया जनपद में घोड़े खच्चरों के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया गतिमान है. शिविर में पशुओं का मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उन्हें लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं. मजदूर, डंडी-कंडी एवं हॉकरों के लाइसेंस सोनप्रयाग में बनाए जाएंगे.