देहरादून – उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है. सदन में प्रश्न काल शुरू हुआ. विपक्ष सदन में नियम 310 के तहत प्रदेश भर में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहा है. आज उत्तराखंड के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट भी पेश होने जा रहा है. उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है. सरकार के लिए आज का दिन बेहद खास है. क्योंकि सरकार आज सदन में अपना बजट पेश करेगी. हालांकि विपक्ष भी सदन में सरकार को घेरने की रणनीति के साथ उतरा है. उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी का कहना है कि कानून व्यवस्था के मुद्दे को सदन में उठाया जाएगा. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी का कहना है कि बजट आने के बाद ही पता चलेगा कि इसमें युवाओं के लिए क्या प्रावधान होता है. स्वास्थ्य के लिए सरकार बजट में क्या करती है. दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू होते ही सदन में विपक्ष लगातार प्रश्नकाल में सरकार के ऊपर एक के बाद एक सवाल दाग रहा है. वहीं सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष की पूरी कोशिश है कि वह सदन को सुचारू संसदीय कार्य प्रणालियों के अनुसार चलाने में अपना सहयोग दे. साथ ही यशपाल आर्य ने यह भी कहा कि उनकी हर एक कोशिश होती है कि सदन में किसी भी तरह का व्यवधान विपक्ष खड़ा ना करे. सदन में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. जिस तरह से एक के बाद एक लॉ एंड ऑर्डर के मामले प्रदेश भर में चले आ रहे हैं, उनको लेकर विपक्ष नियम 310 के तहत सदन में सवाल खड़ा कर रहा है. विधायक रवि बहादुर ने सदन में ज्वालापुर सुभाषगढ़ सिंचाई नहर निर्माण योजना का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित एआईबीपी मद से कार्य हुआ है. नहर निर्माण में 7 करोड़ खर्च होने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा है. इस पर विपक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के नाम सरकार सार्वजनिक करे. वहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि 2021 से जांच चल रही है, लेकिन ये आज तक पूरी नहीं हुई. इस पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि घोटालेबाज अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. महाराज ने ये भी कहा कि काश्तकारों से NOC के बाद निर्माण कार्य पूरा करेंगे। दरअसल आज सदन में पर्यटन, सिचाईं, लोक निर्माण और पंचायतीराज से जुड़े अधिकतर सवाल उठाए गए हैं. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ही इन सभी विभागों के मंत्री हैं. विपक्ष का कहना है कि वो सतपाल महाराज के जवाब से सन्तुष्ट नहीं हैं. सदन में ऐसा लगा कि विपक्ष के सवालों पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज घिरते जा रहे थे. सतपाल महाराज को विपक्ष के चक्रव्यूह में फंसते देख संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मोर्चा संभाला. इस पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रेमचंद अग्रवाल को संसदीय परंपराओं की याद दिलाते हुए निशाना साधा. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मुसीबत यहीं खत्म नहीं हुई. भाजपा विधायक विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान ने भी लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से नीतिगत सवाल पूछ लिए. विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की कार्रवाई पर सवाल उठाए. दोनों विधायकों ने पूछा कि सतपाल महाराज के विभाग के लिए क्या हैं सड़कों के गड्डों के मानक? किस सड़क को गड्ढे वाली मानें और किसे पुनर्निर्माण के लायक माना जाए.
धामी सरकार आज पेश करेगी उत्तराखंड का अब तक का सबसे बड़ा बजट, 90 हजार करोड़ का अनुमान
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